یادبود بولگاکف
از من به تو جای دستهگلى سرخ بر مزارت،
جای سوزاندن بخور و عود بر گورت.
تو چه دشوار زيستى و به پایان رساندی
اين حقارت باشکوه را.
تو شراب مینوشيدى، شوخ طبعیات بی مثال بود
و در ميان آن دیوارهای تنگ، راه نفست بسته میشد،
و آن ميهمان هولناک را تو خود به خانه راه دادى
و با او در تنهايی خلوت كردی.
اکنون تو نیستی، و دیگر کسی
از زندگى اندوهناك و باشكوه سخن نمیگوید.
فقط شعر من است، که همچون فلوتى
در مجلس یادبود خاموش تو طنین انداز میشود.
آه، چه كسى مىتوانست باور كند که من مجنونم،
من، سوگوار روزهای از دست رفته،
من، نیمسوخته بر شعلهای آرام،
همه چیز را از دست داده،
همه چیز را به فراموشی سپرده،
باید یادبود کسی را برپا کنیم که پرتابوتوان بود،
اراده و افکار روشنی داشت،
گويي ديروز بود كه با من سخن میگفت،
درحاليكه لرزش دردى كشنده را پنهان مىکرد.
Памяти Булгакова
Вот это я тебе, взамен могильных роз,
Взамен кадильного куренья;
Ты так сурово жил и до конца донёс
Великолепное презренье.
Ты пил вино, ты как никто шутил
И в душных стенах задыхался,
И гостью страшную ты сам к себе впустил
И с ней наедине остался.
А нет тебя, и всё вокруг молчит
О скорбной и высокой жизни,
Лишь голос мой, как флейта,прозвучит
И на твоей безмолвной тризне.
О, кто поверить смел, что полоумной мне,
Мне, плакальщице дней погибших,
Мне, тлеющей на медленном огне,
Всё потерявшей, всех забывшей, –
Придется поминать того, кто полный сил,
И светлых замыслов, и воли,
Как будто бы вчера со мною говорил,
Скрывая дрожь смертельной боли.